Gunjan Kamal

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यादों के झरोखे से " जन्मदिवस हो तो ऐसा हो "

दोस्तों ! आज जब  आप सब से मिलने आई हूॅं तब मैं खाली हाथ नहीं बल्कि यादों के झरोखे में कैद उस याद को अपने साथ लेकर आई हूॅं जो मेरी जिंदगी के खूबसूरत पलों में से एक पल है। ऐसे तो मेरी कोशिश हमेशा से रही है कि मेरे परिवार में किसी का भी जन्मदिन हो उसे मैं खास तरीके से मना कर उस दिन को अपनी यादों के झरोखों में संभाल कर रख लूं, इसके लिए मैं वह सब कुछ करती हूॅं जो मेरे अपनों को पसंद हो, चाहे वह उनके लिए उनका मनपसंद खाना बनाना हो या फिर उनके लिए  मनपसंद उपहार ही लेना  क्यों ना हो, और तो और जन्मदिवस के उन खुबसूरत पलों को मैं अपने मोबाइल के कैमरे में भी कैद करना नहीं भूलती हूॅं।


दोस्तों! इसी साल के पिछले २६ जुलाई को उनका जन्मदिन था, सुबह से ही उस दिन को यादगार बनाने की मेरी कोशिश हमेशा की तरह जारी थी। उस दिन सुबह से ही उनके जन्मदिन के अवसर पर दिल की बातें जो मैंने उनके लिए एक कविता के रूप में लिखी थी और चाहती थी कि उस छोटी-सी कविता के माध्यम से अपने दिल के जज्बात उन्हें बता दूं कभी मैं व्यस्त थी कामों में तो कभी पतिदेव जी को ही फुर्सत नहीं थी। किचन में काम करते-करते दिमाग में आया कि जब पतिदेव जी  केक कटिंग कर रहे होंगे तभी उस  समय उन्हें पढ़कर सुनाऊंगी । 


दोस्तों! दिमाग में यह बात आते ही चेहरे पर मुस्कान आ गई और मैं काम करते -करते  उस पल का इंतजार करने लगी जो पल आने वाला था। दोनों बच्चे भी उस पल के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे क्योंकि मेरे दोनों बच्चों को इस बात का एहसास था कि अगले साल हम पढ़ाई के सिलसिले में बाहर चले गए तो यह पल शायद ही हमारे जीवन में आए। दोनों बच्चों ने कमरे को गुब्बारे और कृत्रिम फूलों से भर दिया साथ ही अपने हाथों द्वारा बनाया गया "हैप्पी बर्थडे पापा" कार्ड भी दीवार पर चिपका दिया। जैसा कि हम सभी ने तय किया था कि उनके ऑफिस से आने के तुरंत बाद ही हम उनको यह सरप्राइस देंगे, उसी को ध्यान में रखते हुए 8:00 बजने से पहले ही हम सभी ने अपने अपने हिस्से में आए काम को पूरा कर लिया था और अब बस मुझे पतिदेव जी का और बच्चों को अपने पापा का ही इंतजार था।


दोस्तों! रोज के समय के अनुसार वे आ गए और फिर जब उन्होंने अपने जन्मदिन पर हमारे द्वारा की गई मेहनत देखी, एक पल को तो उनकी आंखों में आंसू भी आ गए लेकिन उन आंसूको हमें दिखाना नहीं चाहते थे। वह कहावत है ना! मर्द कभी रोते नहीं, इस कहावत को वह हमेशा ही चरितार्थ करते आ रहे हैं और उस दिन भी उन्होंने ऐसा किया भी। उस वक्त उन्होंने पूरे कमरे को देखते हुए अपने दोनों हाथ फैला दिए और दोनों बच्चे भी दौड़ कर उनके गले लग गए। सब कुछ तैयार था और बस केक  काटना ही बाकी था। जैसा कि मैंने बच्चों के साथ मिलकर तय किया था कि उनके आने के तुरंत बाद ही मैं अपने द्वारा लिखी अपने दिल के जज्बात उनसे कहूंगी और मैंने कहा भी। मैंने उनके लिए जो लिखा था वह पन्ना आज भी मेरी उस फ़ाइल में है जो मैं हमेशा ही संभाल कर रखती हूॅं। उस पन्ने पर लिखे  अपने दिल के जज्बात को आज आप लोगों के साथ भी साझा कर रही हूॅं 


💐💓💐 " जन्मदिवस और एक वादा "  💐💓💐


" अवतरण  दिवस   का   अवसर है
आज आपसे दिल की बातें करनी है ।।

    एक दिन जीवन में ऐसा भी पल आया
    दिल ने आपको मन - मंदिर में बिठाया ।।

दिल की बगिया में प्रेम के अंकुर आप ही ने जगाया
एक   कली    को    फूल   आप    ही     ने    बनाया ।।

साथ    में      दिन - रात     गुजरते     रहें
कभी हम झगड़ते तों कभी मान जाते रहें ।।

चाय की चुस्कियों के संग , हम अपने - अपने
जज्बातों    को    एक-दूसरे   से    कहते   रहें ।।

कभी संगी , कभी साथी तो कभी हमसफ़र बनके। 
हम  एक-दूसरे का  साथ  अब  तक  निभाते रहें ।।

आपके  जन्मदिवस पर  कर  रही  हूॅं यह   वादा
जिंदगी के सफ़र में कभी भी हम होंगे नहीं आधा ।।

एक   थे , एक     हैं     और    एक     ही      रहेंगे
साथ दूंगी मरते दम तक , यह है आपसे मेरा वादा ।।

जन्मदिन की हार्दिक बधाई प्यारे पतिदेव जी! 🙏🏻💗💞💓


दोस्तों! मेरे अपने दिल के जज्बात कहने के बाद उन्होंने दोनों बच्चों और मेरा हाथ पकड़ कर एक साथ केक कटिंग की, उसके बाद हमने उनकी मनपसंद पनीर की सब्जी, नान, वेज बिरयानी, मशरूम की सब्जी और खीर का आनंद एक साथ बैठ कर लिया। खाना खाने के बाद बाहर लाॅन में टहलते हुए मेरे पतिदेव जी ने जन्मदिन की शाम की तारीफ में बहुत कुछ कहा लेकिन उनके द्वारा कही एक बात ने उस दिन और उससे पहले की सारी थकान को दूर कर दिया था और वह बात थी  "जन्मदिन हो तो ऐसा हो।" 


दोस्तों! सच कहूं तो अपने द्वारा बताए गए ऐसे पल हम सबके जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार कर देते हैं और ऐसे पलों को कम से कम मुझे तो हमेशा से इंतजार रहता था, है और हमेशा ही रहेगा। पतिदेव जी का जन्मदिन हो, बच्चों का जन्मदिन हो या कोई और अवसर! मैं इन पलों को खूबसूरत यादों में तब्दील करने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती हूॅं। 

दोस्तों! अब चलती हूॅं , बहुत काम है फुर्सत मिलते ही फिर से यादों के झरोखे में कैद याद के मिलने आऊंगी तब के लिए 👇

           🙏🏻🙏🏻🙏🏻 " बाय "  🙏🏻🙏🏻🙏🏻

" गुॅंजन कमल " 💓💞💗


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4 Comments

Rajeev kumar jha

07-Jan-2023 07:39 PM

शानदार

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Varsha_Upadhyay

16-Dec-2022 06:58 PM

बहुत खूब

Reply

Mahendra Bhatt

16-Dec-2022 05:35 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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